कुशीनगर, 17 जून (Lok paksha)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले में बुधवार को गंडक नदी में चार लाख 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसके चलते रात में आठ बजे नदी भैंसहा गेज पर खतरे के निशान (96.00 मीटर) तक पहुंच गई थी। इसके बाद से डिस्चार्ज में कमी आने लगी है। गुरुवार की सुबह 10 बजे डिस्चार्ज घटकर 2 लाख 86 हजार हो गया है। डिस्चार्ज में कमी आने से जलस्तर घटकर 95.68 मीटर पर आ गया है। जलस्तर में कमी के बावजूद बाढ़ प्रभावित गांव में दुश्वारी जस का तस बना हुआ है। 
मरचहवा, बसंतपुर गांव के लोग नाव से आ जा रहे हैं। घरों में अभी भी बाढ़ का पानी मौजूद है। विंध्याचलपुर दियारा में फंसे लोगों को आज निकालने हेतु नाव भेजा जा रहा है। सालिकपुर महदेवा गांव में भी पानी बना हुआ है। एसडीएम ने बुधवार को दौरा किया था।
शिवपुर में नायब तहसीलदार व राजस्व कर्मचारी कैंप कर रहे हैं। दो दिन से बाढ़ में घिरे ग्रामीणों के सामने अब भोजन का भी संकट गहराने लगा है। हालांकि राहत की बात यह है कि बारिश का असर कुछ कम हुआ है और जलस्तर में भी कमी आ रही है। 
वाल्मीकि नगर बैराज से बुधवार को गंडक नदी में छोड़े गए चार लाख 12 हजार क्यूसेक पानी का असर गुरुवार से पिपराघाट गांव के विभिन्न पुरवों में दिखने लगा है। इस गांव के लगभग सभी संपर्क मार्ग पानी में डूब गए हैं। 
मोतीराय टोला, मुसहरी टोला, हनुमान टोला, देवनारायण टोला, भंगी टोला, इमिलिया टोला, नरवा टोला सहित सात गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। इसके अलावा चौकी टोला, शिव टोला, जोगनी, बुटन टोला, रानीगंज, जयपुर, बेनिया पिपरा, तवकल टोला, दहारी टोला, सुब्बाखान टोला आदि बाढ़ के पानी से घिरे हैं।

NCR TODAY

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