लोक पक्ष. पटना। लोक जनशक्ति पार्टी टूट गई। इसके पूर्व महासचिव सत्यानंद शर्मा ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र समाप्त होने का आरोप लगाते हुए 116 लोगों के साथ अपनी नई पार्टी बना ली। सत्यानन्द शर्मा ने गुरुवार को संवाददाता सम्मलेन में यहां कहा कि वह लोजपा में इसके स्थापना काल से ही वे हैं और इतने दिनों में उन्होंने महसूस किया कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है। लोजपा सेकुलर के नाम से नई पार्टी का गठन करते हुए उन्होंने पार्टी सुप्रीमो और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पर पैसे लेकर टिकट बांटने का आरोप लगाया।
सत्यानन्द शर्मा ने आरोप लगाया कि लोकसभा के चुनाव में पैसे लेकर बाहरी लोगों को टिकट बेचे गए। इसी क्रम में उन्होंने कहा कि वैशाली में लोजपा ने पैसे लेकर वीणा देवी को टिकट दिया। इसके अलावा रामविलास पासवान पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि लोजपा एक परिवार की पार्टी बन कर रह गई है।
उन्होंने कहा कि पार्टी में परिवार वालों और पैसा देनेवालों के अलावा पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को तरजीह नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी में भ्रष्टाचार भी चरम पर है। इन सभी वजहों से लोजपा में कई समर्पित कार्यकर्ता घुटन महसूस कर रहे हैं जिसकी वजह से अपने समर्थकों के साथ लोजपा छोड़ कर उन्होंने अपनी नई पार्टी का गठन किया है।
स्थापना के समय से ही लोजपा से जुड़े रहे सत्यानन्द शर्मा रामविलास पासवान के काफी करीबी माने जाते रहे हैं और 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें नालंदा से मैदान में उतारा था। लोकसभा का चुनाव वह 10 हजार वोटों से हार गए थे। सत्यानंद शर्मा दीघा विधानसभा क्षेत्र में भी विधान सभा चुनाव का चुनाव हार गए थे।
इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष तथा सांसद पशुपति पारस ने सत्यानन्द शर्मा के नए मोर्चे के गठन पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जमुई में लोकसभा चुनाव के मतदान के बाद ग्यारह अप्रैल को सत्यानन्द शर्मा को लोजपा से निष्कासित कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि विष्णु पासवान समेत अन्य पदाधिकारियों को भी उनके दल विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निकाल दिया गया था। 


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