नई दिल्ली, 17 जून (लोक पक्ष) Lok Paksha। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने गुरुवार को देश भर में सात राष्ट्रीय संस्थानों और सात समग्र क्षेत्रीय केंद्रों में दिव्यांगता पहचान केंद्रों - क्रॉस-डिसएबिलिटी अर्ली इंटरवेंशन सेंटरों का उद्घाटन किया। श्री गहलोत ने यहां ऑनलाइन इन केंद्रों की शुरुआत करते हुए कहा कि ये केंद्र एक छत के नीचे और एक ही तरीके से विभिन्न विकलांगों के लिए स्क्रीनिंग और पहचान, पुनर्वास, परामर्श, चिकित्सीय सेवाएं प्रदान करेंगे।
इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, रामदास अठावले और रतन लाल कटारिया भी उपस्थित थे। दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग (दिव्यांगजन) सचिव अंजलि भवरा, संयुक्त सचिव, तारिका रॉय, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, राष्ट्रीय संस्थानों के निदेशक और सीआरसी के प्रमुख, राज्य सरकार के प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भी समारोह में शामिल हुए। ये 14 पहचान केंद्र देहरादून, दिल्ली, मुंबई, सिकंदराबाद, कोलकाता, कटक, चेन्नई, सुरेंद्रनगर, लखनऊ, भोपाल, राजनांदगांव, पटना, नेल्लोर और कोझीकोड में शुरू किए गए हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री गहलोत ने कहा कि दिव्यांगजन हमेशा से नरेंद्र मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक रहे हैं और रहेंगे। केंद्र सरकार ने दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकारों अधिनियम, 2016 को विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के अनुरूप लागू किया है, जिसमें विकलांग व्यक्तियों के लिए एक समावेशी समाज की परिकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि विकलांग बच्चों या उन शिशुओं की पहचान करने की आवश्यकता है जो विकलांगता के विकास के जोखिम में हैं, और उन्हें शीघ्र सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है, ताकि इष्टतम विकास सुनिश्चित किया जा सके। इसलिए पहले चरण में संस्थानों में 14 क्रॉस डिसेबिलिटी (अर्ली इंटरवेंशन) सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2022 में सभी सीआरसी में ऐसे केंद्र स्थापित करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप लगभग 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्रॉस डिसेबिलिटी-अर्ली इंटरवेंशन सेंटर की सुविधा उपलब्ध होगी।

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