नई दिल्ली, 22 जून (लोक पक्ष) Lok Paksha। भारत और फिजी ने मंगलवार को कृषि एवं सहायक क्षेत्रों में सहयोग
के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण
मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और फिजी के कृषि, जलमार्ग व पर्यावरण मंत्री डॉ. महेंद्र
रेड्डी ने डिजिटल माध्यम से बैठक के दौरान समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
इस अवसर पर तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रारंभ
से ही कृषि और गांवों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। इस दिशा में देश में 1 लाख
करोड़ रुपये के कृषि अवसंरचना कोष की स्थापना और 10 हजार कृषि उत्पादक संगठन (एफपीओ)
का निर्माण जैसे कई ठोस कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत और फिजी के बीच सौहार्दपूर्ण व मैत्रीपूर्ण
संबंध परस्पर सम्मान, सहयोग और मजबूत सांस्कृतिक व लोगों के बीच संबंधों पर आधारित
हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि यह एमओयू दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग
को मजबूती देने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बावजूद यास चक्रवात से प्रभावित
समुदायों की आजीविका बहाल करने के लिए भारत सरकार की तरफ से अनुदान के रूप में फलों
और सब्जियों की 14 किस्मों के लगभग 7 टन बीज भेजे गये।
वहीं,फिजी के मंत्री डॉ. महेंद्र रेड्डी ने एमओयू को लेकर खुशी
जाहिर की और कहा कि दोनों देश इसी भावना के साथ आपसी संबंधों को गतिशील बनाना जारी
रखेंगे।
सरकारी बयान के अनुसार,एमओयू डेयरी उद्योग विकास, चावल उद्योग विकास,
जल संसाधन प्रबंधन, नारियल उद्योग विकास, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग विकास, कृषि यंत्रीकरण,
बागवानी उद्योग विकास, कृषि अनुसंधान, पशुपालन, कीट एवं रोग, जुताई, मूल्य संवर्धन
एवं विपणन, कटाई से जुड़े कार्यो और कृषि विज्ञान के क्षेत्रों में सहयोग उपलब्ध कराता
है।
समझौता ज्ञापन में कहा गया है कि प्रक्रियाओं और योजना तैयार करने
व अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए सहयोग कार्यक्रम सुझाने को एक संयुक्त कार्यकारी
समूह की स्थापना की जाएगी। कार्यकारी समूह हर दो साल में एक बार बारी-बारी से भारत
और फिजी में अपनी बैठकों का आयोजन करेगा।
एमओयू हस्ताक्षर की तारीख से पांच साल की अवधि के लिए वैध रहेगा
और इस दौरान किसी भी तरह के बदलाव के लिए दोनों ही पक्षों से लिखित में मंजूरी लेनी
होगी।